Saturday, July 11, 2015

प्यारी तितली

रंग बिरंगे इन्द्रधनुष सी आभा वाली,
फूल-फूल पर इठलाती वो मतवाली |
नीली पीली हरी सुनहरी और उजली,
देखो कैसी प्यारी-प्यारी सी है तितली ।
घर आँगन में आती है तितली प्यारी-प्यारी,
हम सबके मन को भाती है तीली न्यारी-न्यारी ।
उसे पकड़ने को मन मेरा मचलता है,
कभी इधर तो कभी उधर उछलता है ।
तभी अचानक हाथों में आ जाती है पगली,
देखो कैसी प्यारी-प्यारी सी है तितली ।
कुदरत की अनुपम रचना है,
पर आज हो गयी सपना है ।
विष युक्त हो गया धरा गगन,
दूभर साँसों का चलना है ।
रंगीन चित्र उसका बचा किताबों में नकली,
देखो कैसी प्यारी-प्यारी सी है तितली ।।

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