Tuesday, January 14, 2014

भारत माँ की पुकार

            भारत माँ की पुकार
हर मां का हमें चाहिए बेटा हर बहना का भाई ।
भारत माता ने रोते - रोते आवाज़ लगाई ।
आज पुनः दर्पी दुश्मन चढ़ हिन्द - भाल पर आया है ।
बड़ी धृष्टता की उसने जो सोता सिंह जगाया है ।
ऐ वतन प्रहरियों पुनः आज रीति वही दुहरानी है ।                  
टाइगर और कारगिल वाली यादें हिल उन्हें दिलानी हैं ।
वतन के प्रहरी हम ही तो हैं अब हमको जगना होगा ।
इस माँ का कर्ज़ चुके न चुके उस मां का कर्ज़ चुकाना होगा ।
अरे वीर माताओँ तुमने ज़ौहर कितने कर डाले ।
पति, पुत्र, भ्राता और बाबुल माँ को अर्पित कर डाले ।
आज तुम्हारे चेहरे पर क्यों मातम छाया है बहना ।
हंसकर विदा करो अब तो राखी का मोह त्याग करना ।
अरी देवियों भारत की चित्तौड़ी ज़ौहर याद करो ।
दुश्मन का नाश कराने को अभिषेक विजय का आज करो ।
देखो हमको क्या हाल मेरा कर डाला आतंकी कुत्तों ने ।
हाथ पैर पहले काटे अब सिर को फोड़ा कुत्तों ने ।
इन आवारा कुत्तों को मारो, फेंको बरबाद करो ।

मेरे जलते सूने घर को बच्चों मेरे आबाद करो ।।

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