भारत
माँ की पुकार
हर मां का हमें
चाहिए बेटा हर बहना का भाई ।
भारत माता ने
रोते - रोते आवाज़ लगाई ।
आज पुनः दर्पी
दुश्मन चढ़ हिन्द - ए – भाल पर आया है ।
बड़ी धृष्टता की
उसने जो सोता सिंह जगाया है ।
ऐ वतन प्रहरियों पुनः आज रीति वही दुहरानी है ।
टाइगर और कारगिल
वाली यादें हिल उन्हें दिलानी हैं ।
वतन के प्रहरी हम
ही तो हैं अब हमको जगना होगा ।
इस माँ का कर्ज़
चुके न चुके उस मां का कर्ज़ चुकाना होगा ।
अरे वीर माताओँ
तुमने ज़ौहर कितने कर डाले ।
पति, पुत्र, भ्राता और बाबुल
माँ को अर्पित कर डाले ।
आज तुम्हारे
चेहरे पर क्यों मातम छाया है बहना ।
हंसकर विदा करो
अब तो राखी का मोह त्याग करना ।
अरी देवियों भारत
की चित्तौड़ी ज़ौहर याद करो ।
दुश्मन का नाश
कराने को अभिषेक विजय का आज करो ।
देखो हमको क्या
हाल मेरा कर डाला आतंकी कुत्तों ने ।
हाथ पैर पहले
काटे अब सिर को फोड़ा कुत्तों ने ।
इन आवारा कुत्तों
को मारो, फेंको बरबाद करो ।
मेरे जलते सूने
घर को बच्चों मेरे आबाद करो ।।
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