नर्स
( राघवेन्द्र कुमार "राघव'' )
वो आती है , वो जाती है ,
वो हँसती है , हँसाती है |
उसकी वात्सल्य भरी आवाज ,
सारे दुःख हर लेती है |
उसकी सांत्वना भरी आवाज,
असीम ऊर्जा का संचार करती है |
उसके चेहरे की मुस्कान ,
जीने का हौसला भर देती है |
एक पल को दर्द देती है ,
दूसरे पल प्यार से सहलाती है |
कड़वी दवाओं के घूंट में भी ,
औरत होने का अहसास करती है |
उसकी दुआएँ उसकी संवेदनशीलता ,
गम और दुश्वारियां मिटाती है |
सच में वो तो एक फरिश्ता है ,
स्वयं में मातृत्व का अहसास कराती है |
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