Sunday, October 18, 2015

नशा

  नशा

सड़क के किनारे 
पड़ी थी एक लाश
उसके पास कुछ लोग
बैठे थे बदहवाश
उनमे चार छोटे बच्चे
और उनकी माँ थी,
बूढ़े माँ बाप थे
कुँवारी बहन थी
सभी का रो रो
कर बुरा हाल था,
खाल से लिपटे ढांचे
बता रहे थे,
वो..... परिवार
कितना बेहाल था ?

मैंने 
एक आदमी से पूछा,
भाई 
ये कैसे मर गया,
क्या किसी वाहन से
दुर्घटना हो गयी ?
लेकिन इसके शरीर पर
चोट तो है नहीं,
आखिर इसकी जान
कैसे चली गयी ?

उसने कहा 
ये पीता था शराब,
और स्मैक का भी 
आदी था
घरवालों को मारना पीटना
इसकी दिनचर्या थी,
गाँजे की चिलम का
पक्का साथी था

ज़मीन जायदाद सब
कौडियों के भाव 
बेच डाली,
सारे परिवार को 
बर्बाद कर गया
बेचारे घर वाले 
कल भी रोते थे,
अब भी रोयेंगे 
वो नशेड़ी
उसे मरना था 
मर गया


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