Tuesday, January 14, 2014

परिश्रम

                              परिश्रम
चलो बढ़ो कर्तव्य मार्ग पर परिश्रम कभी न हारा है ।
धरती छोटी पड़ जाएगी सारा आकाश तुम्हारा है ।।
जले दीप आशा का मन में दृष्टि लक्ष्य पर रखना ।
सच्चाई के लिए जिओ सच्चाई के हित मरना ।
बन एकलव्य करो मेहनत, मेहनत जीवनधारा है ।
चलो बढ़ो कर्तव्य मार्ग पर परिश्रम कभी न हारा है ।।
अनुकरण कीजिए दिनचर्या विहगों की जीवन शैली की ।
चपल बनो जैसे तरंग राह चलो तुम सिंहों की ।
सागर से गहराई सीखो पुरुषार्थ कभी नहीं हारा है ।
चलो बढ़ो कर्तव्य मार्ग पर परिश्रम कभी न हारा है ।।
सोना तपकर खरा उतरता याद हमेशा रखना ।
तरुणाई है दिव्यशक्ति बर्बाद इसे मत करना ।
अन्दर झांको खुद को देखो स्वर्णिम दौर तुम्हारा है ।
चलो बढ़ो कर्तव्य मार्ग पर परिश्रम कभी न हारा है ।।



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