परिश्रम
चलो बढ़ो कर्तव्य
मार्ग पर परिश्रम कभी न हारा है ।
धरती छोटी पड़
जाएगी सारा आकाश तुम्हारा है ।।
जले दीप आशा का
मन में दृष्टि लक्ष्य पर रखना ।
सच्चाई के लिए
जिओ सच्चाई के हित मरना ।
बन एकलव्य करो
मेहनत, मेहनत जीवनधारा
है ।
चलो बढ़ो कर्तव्य
मार्ग पर परिश्रम कभी न हारा है ।।
अनुकरण कीजिए
दिनचर्या विहगों की जीवन शैली की ।
चपल बनो जैसे
तरंग राह चलो तुम सिंहों की ।
सागर से गहराई
सीखो पुरुषार्थ कभी नहीं हारा है ।
चलो बढ़ो कर्तव्य
मार्ग पर परिश्रम कभी न हारा है ।।
सोना तपकर खरा
उतरता याद हमेशा रखना ।
तरुणाई है
दिव्यशक्ति बर्बाद इसे मत करना ।
अन्दर झांको खुद
को देखो स्वर्णिम दौर तुम्हारा है ।
चलो बढ़ो कर्तव्य
मार्ग पर परिश्रम कभी न हारा है ।।
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