Monday, October 15, 2012

प्यार से प्यारे हो तुम....


 प्यार से प्यारे हो तुम....

प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम |
तू ही मेरी है सुबह तू ही मेरी शाम है ,
तू ही मेरा  है दिन   तू मेरी रात है |
देखकर तुझको ही दिल होता है ये रोशन ,
प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम |
तुम नजर आते हो हमको चाँद तारों में ,
टिमटिमाकर क्या बताते हो  इशारों में |
तुम ही मेरी प्रीति हो तुम हो मेरा तन बदन ,
प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम |
तुम हवा का हो वो झोंका जो जहाँ मदहोश कर दे ,
प्यार की खुशबू लुटाकर हर जवां में प्रेम भर दे |
तुम हो फूलों की हँसी तुम से महका है चमन ,
प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम |
तुम हो सावन की घटा जिसपे है सबकी नजर ,
नाचता वन-वन मयूरा तेरे प्यार में गा के गजल |
तुम हो बारिश की फुहारें जो प्रफुल्लित कर दे मन ,
प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम |
तुम हो खिलता एक कमल दरिया की गोद में ,
देखकर तुमको खुदा भी रह सका ना होश में |
तुम ही हो गुलशन हमारा  है तुमसे हर मौसम ,
प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम ||

                                                (राघवेन्द्र कुमार ''राघव'')

No comments:

Post a Comment